देहरादून के सुमित ने 16 लाख की नौकरी छोड़ी, अब गरीबों के लिए कर रहे हैं बेमिसाल काम
उत्तराखंड रत्न से सम्मानित सुमित की कहानी आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायक साबित हो सकती है। जरूर पढ़िए और शेयर कीजिए
सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है, सेवा ही हमें इंसान होने का मतलब समझाती है और हमें दूसरों के सुख-दुख से जोड़ती है। यूं तो ये केवल पंक्तियां हैं, जो आज कल केवल किताबों में दिखती हैं, लेकिन देहरादून के सुमित कुमार ने इंसान होने का मतलब ना सिर्फ समझा, बल्कि अपने सेवाभाव से दूसरों को भी समझाया। सुमित गरीबों के लिए दवा बैंक चलाते हैं। उनके दवा बैंक से गरीब ना केवल दवाएं लेते हैं, बल्कि उन्हें इलाज भी मुहैय्या कराया जाता है। गरीबों की सेवा के लिए सुमित ने लाखों के पैकेज वाली नौकरी छोड़ दी। सुमित के सेव...
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