कभी पहाड़ में हर रसोई की शान था ‘भड्डू’...अब जाने कहां गए वो दिन
‘भड्डू’ किसी जमाने में पहाड़ों में इस्तेमाल होने वाला बर्तन बचपन की उन यादों को ताजा कर देता है जिसे हम सालों पहले अपनी जिंदगी से दफन कर आगे बढ़ गए।
किसी घर के कोने में पड़े भड्डू को देखकर राजकपूर साहब की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ का वो गीत याद आता है कि ‘जाने कहां गए वो दिन..’। सच में वो दिन लद गए, पहाड़ों में बिताए वो दिन बस अब यादों में ही बचे हैं। राज्य समीक्षा की इस लेख में हम बात कर रहे हैं उस भड्डू की जिसके बारे में शायद युवा पीढ़ी को नहीं पता। और जो पुरानी पीढ़ी है वो भूल चुकी है। एक ज़माने में हर घर में भड्डू हुआ करता था। जिसमें पके खाने की बात ही कुछ और हुआ करती थी। लेकिन अब वो भड्डू पहाड़ों में नजर नहीं आता। और किसी घर में नजर आता भी ह...
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