सफलता के एवरेस्ट पर उत्तराखंड की बेटी...टैक्सी चलाने वाले पिता का सिर गर्व से ऊंचा
पहाड़ की शीतल ने अपने पहाड़ जैसे हौसले से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को जीत लिया...इन दिनों उनके घर पर जश्न का माहौल है।
हर पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का ख्वाब देखता है, लेकिन वहां पहुंचने के लिए फौलाद जैसे कलेजे की जरूरत पड़ती है... माउंट एवरेस्ट के 8,848 मीटर ऊंचे शिखर तक पहुंचने के लिए पर्वतारोहियों को ऐसे कठिन हालात से गुजरना पड़ता है, जहां उनकी जान हमेशा खतरे में रहती है...लेकिन पहाड़ की बेटी शीतल राज ने अपने पहाड़ जैसे हौसले से हर चुनौती पर जीत हासिल कर ली। एवरेस्ट की चढ़ाई के दौरान अब तक करीब 300 पर्वतारोही मारे जा चुके हैं, इनमें से ज्यादातर की मौत गिरने या फिर बर्फीली दरारों में समाने और ...Click Here to Read Full Article