उत्तराखंड शहीद की पत्नी की प्रतिज्ञा-‘जब तक बेटे को आर्मी अफसर नहीं बनाया, तब तक गांव नहीं लौटूंगी’
उमा देवी के पति मोहन सिंह कारगिल युद्ध में शहीद हो गए थे, अब उमा अपने बेटे को आर्मी अफसर बनता देखना चाहती हैं...
साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध में देश ने अपने सैकड़ों जवानों को खो दिया। ये जवान तो घर ना लौटे, लेकिन इनकी वीरता की कहानियां घर जरूर लौटीं। इनके शौर्य के किस्से आज भी उत्तराखंड के गांवों में सुनाई देते हैं। इन्हीं जांबाजों में से एक थे बागेश्वर के शहीद नायक मोहन सिंह। कारगिल युद्ध में उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। मोहन सिंह तो घर नहीं लौटे, लेकिन उनकी वीरता ने पत्नी उमा देवी को इस कदर प्रभावित किया कि उन्होंने ठान लिया कि बेटे को आर्मी अफसर जरूर बनाएंगी। उमा देवी ने बेटे को आर्मी अफसर...
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