पहाड़ के इस सरकारी स्कूल के आगे फेल हैं शहरों के कॉन्वेंट स्कूल, ऐसे शिक्षक को सलाम
बजेला गांव के सरकारी स्कूल के सामने प्राइवेट स्कूल भी फेल हैं और ये सब हुआ एक शिक्षक की कोशिश से, आइए जानें इनकी कहानी..
जीवन में कुछ अच्छा करने के लिए संसाधन नहीं इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। अल्मोड़ा के सरकारी स्कूल के एक टीचर ने इस बात को सच कर दिखाया है। अपनी पॉजिटिव सोच और मेहनत से अंग्रेजी के इस टीचर ने सरकारी स्कूल की तस्वीर ही बदल दी। ये शिक्षक हैं, भास्कर जोशी, जिन्हें हाल ही में एनसीईआरटी ने नवाचारी शिक्षकों की श्रेणी में अवॉर्ड देकर सम्मानित किया है। अल्मोड़ा से 60 किलोमीटर दूर एक गांव है बजेला, भास्कर इसी स्कूल में सहायक शिक्षक हैं। बजेला के सरकारी स्कूल तक पहुंचने के लिए 6 किलोमीटर पैदल पहाड़ी रास्ता ...
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