देहरादून: अस्पताल के सामने मीना को छोड़कर भागे घर वाले, डॉक्टरों ने दिखाया बड़ा दिल
बेटे और परिजनों ने भी मीना का साथ छोड़ दिया था, मीना का ऑपरेशन नहीं होता तो वो बच नहीं पाती...
जिंदगी और मौत के बीच झूल रही 45 साल की मीना देवी के लिए दून हॉस्पिटल के डॉक्टर भगवान साबित हुए। डॉक्टरों ने कागजी कार्रवाई की परवाह ना करते हुए सबसे पहले इंसानियत का फर्ज निभाया और ऑपरेशन कर मीना देवी को नई जिंदगी दी। ये सब ऐसे वक्त में हुआ जब मीना के अपने परिजन ही उससे मुंह मोड़ चुके थे। मीना जिंदा रहे या ना रहे, इसकी किसी को फिक्र नहीं थी। मीना के दिमाग में खून का थक्का जम गया था। वो दिल की मरीज भी थी। तुरंत ऑपरेशन ना किया जाता तो मीना बच नहीं पाती। ऑपरेशन करने में बहुत रिस्क था इसीलिए अस्पताल...
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