Incredible Uttarakhand: वसुधारा की अलौकिक यात्रा..नवेन्दु रतूड़ी की कलम से
जिस स्वर्ग की हम कामना करते हैं वो यही था..यह प्रकृति ही स्वर्ग है और इंसान ही इसको अपनी इच्छाओं के लिए नरक बनाने में लगा है।
आज का सफर बहुत रोमांचकारी था..सुबह नहा धोकर मैं अकेले चल पड़ा वसुधारा की यात्रा पर। बदरीनाथ से माणा गाँव कुछ 3 किलो मीटर की दूरी पर है। सुंदर बर्फीली वादियों और अलकनन्दा नदी के साथ गुजरती बहुत चौड़ी सड़क चलते चलते हर एक जगह रुकने का मन करता और तस्वीर लेने का मन करता। बदरीनाथ मै रिलायंस जियो के मोबाइल नेटवर्क काफी अच्छे हैं, तो कुछ साथियों के फोन भी आ रहे थे। रितु ऋषिकेश से फोन कर रही थी तो लक्की भाई देहरादून से...इसी बीच हल्की बर्फबारी पड़नी शुरू हो गयी और मुझे इस अंतिम सीमा से सटे हिमालय की पहाडियो...
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