मिलिए देहरादून की महिला बस कंडक्टर निशा से, इसके जज्बे को हमारा सलाम
रोडवेज बस में टिकट काटती निशा अपने काम से खुश है, निशा जैसी बेटियां ही महिला सशक्तिकरण की असली मिसाल हैं, जानिए इनकी कहानी...
बदलते वक्त के साथ समाज में महिलाओं की भूमिका भी बदल रही है। अब उनकी दुनिया सिर्फ चूल्हे चौके तक सीमित नहीं है। वो घर की दहलीज से बाहर निकल रही हैं, जिन क्षेत्रों को पुरुषों का क्षेत्र माना जाता है, उनमें काम कर अपनी काबिलियत साबित कर रही हैं। अब देहरादून की रहने वाली निशा को ही देख लें। निशा रोडवेज में बस कंडक्टर हैं। 25 साल की निशा देहरादून से हरिद्वार के बीच चलने वाली जेएनयूआरएम की बस में काम करती हैं। बाएं हाथ में सीटी पकड़े और दाएं हाथ में टिकट रोलर लेकर टिकट काटती निशा महिलाओं की पारंपरिक छ...
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