देहरादून: मोबाइल पर बात करता रहता था युवक, परिजनों ने डांटा तो फांसी लगा ली
आकाश परिवार का इकलौता चिराग था, माता-पिता उसके साथ वक्त बिताना चाहते थे, पर उसे तो मोबाइल प्यारा था...
मोबाइल...ये कभी सिर्फ बातचीत का जरिया हुआ करता था, पर अब ये बातचीत कम टाइमपास का जरिया ज्यादा बन गया है। कुछ लोग तो मोबाइल की लत को बढ़ते अपराधों की जड़ भी मानते हैं। बच्चे मोबाइल पर इतना बिजी रहते हैं कि उनके पास माता-पिता से बात करने तक का वक्त नहीं होता। माता-पिता रोक-टोक करते हैं तो बच्चे आत्मघाती कदम उठाने तक से नहीं झिझकते। कुल मिलाकर मोबाइल फोन जिंदगी से ज्यादा प्यारा हो गया है। देहरादून में भी ऐसा ही हुआ। सोमवार को य...
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