पहाड़ की गोल्डन गर्ल.. बॉक्सिंग के लिए छोड़ी थी बोर्ड परीक्षा, जीता स्वर्ण पदक
आज हम निवेदिता की सफलता देख रहे हैं, लेकिन इस सफलता के पीछे उनकी सालों की मेहनत और त्याग छिपा है, जिसका फल उन्हें स्वीडन में गोल्ड मेडल के रूप में मिला...
पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे बनोगे खराब...ये कहावत बच्चों को खूब सुनाई जाती है, उन्हें पढ़ने के लिए खेलों से दूर रहने की नसीहत दी जाती है, पर अब वक्त बदल गया है। अब खेल सिर्फ शौक या जुनून नहीं बल्कि शानदार करियर भी है। पहाड़ की बेटियां खेलों की दुनिया में छाई हुई हैं। इन्हीं में से एक हैं पिथौरागढ़ की रहने वाली निवेदिता कार्की। 15 साल की ये बच्ची बॉक्सिंग चैंपियन बन गई हैं। उन्होंने स्वीडन के बोरास में हुई अंतररा...
...Click Here to Read Full Article