उत्तराखंड: लॉकडाउन में अपने बच्चों को पढ़ाइए ‘घुघूती बासूती’..फ्री में ऐसे करें डाउनलोड

क्रिएटिव उत्तराखंड के टीम के सदस्यों ने "घुघूती बासूती" ई बुक की दूसरी किश्त बुधवार को इंटरनेट पर लॉन्च कर दी जिसमें गढ़वाली बालगीत और लोरियों का संकलन है। यह ई बुक मुफ्त में डाउनलोड करके पढ़ी जा सकती है। जानिए पूरी डिटेल..

गांव की याद किसको नहीं आती। पलायन कर चुके अधिकांश लोग अपने परिवारों के साथ इस समय शहरों में घुटन भरी जिंदगी जी रहे हैं। सबको अपना बचपन याद आता होगा। अपने बचपन की वो तमाम लोरियां याद आती होंगी जो दादी-नानी सुनाया करती थीं, वो सारे खेल याद आते होंगे जो सुबह से सांझ तक दोस्तों के साथ खेला करते थे। ईजा की घुघुती बासूती भी याद होगी। मगर अब जिंदगी बदल चुकी है। लोगों के ऊपर पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ और भी कई परेशानि...
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