पहाड़ों में छाने लगा खड़ी होली का खुमार...सड़कों पर उतरने लगे होल्यार
होली का त्यौहार कुमाऊँ में बसंत पंचमी के दिन शुरू हो जाता है। कुमाऊँनी होली के तीन प्रारूप हैं; बैठकी होली, खड़ी होली और महिला होली
उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में होली का त्यौहार एक अलग तरह से मनाया जाता है, जिसे कुमाऊँनी होली कहते हैं। कुमाऊँनी होली का अपना ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व है। यह कुमाऊँनी लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है, क्योंकि यह केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का ही नहीं, बल्कि पहाड़ी सर्दियों के अंत का और नए बुआई के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो इस उत्तर भारतीय कृषि समुदाय के लिए बहुत महत्व...
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