रुद्रप्रयाग: लुठियाग गांव की महिलाओं ने पेश की मिसाल..राष्ट्रीय स्तर पर मिल चुका है पहला स्थान
लुठियाग गांव में जंगल घट रहे थे, जल स्त्रोत सूख रहे थे। हालात बिगड़ते गए तो यहां की महिलाओं ने जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित करने की ठान ली। आगे पढ़िए पूरी खबर
जल ही जीवन है। कितनी हैरत की बात है कि हमारा जीवन पानी पर टिका है, लेकिन हम इसके संरक्षण की बहुत ज्यादा परवाह नहीं करते। रुद्रप्रयाग जिले का एक गांव भी कुछ साल पहले तक सूखे की मार झेल रहा था। जंगल घट रहे थे, जल स्रोत सूख रहे थे। पानी के लिए महिलाओं को कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था। हालात बिगड़ते गए तो यहां की महिलाओं ने जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने की ठानी। महिलाओं ने चाल-खाल यानी छोटी झील बनाकर बारिश के पानी का संरक्षण किया। जिससे सूख चुके प्राकृतिक जल स्त्रोत को पुनर्जीवित करने में मदद ...
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