उत्तराखंड: इस जिले के युवक को मिला भांग की खेती का पहला लाइसेंस, फ्रांस से मंगाए गए नशा विहीन बीज

भांग की खेती की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते। इसका इस्तेमाल दवाएं, शैंपू और साबुन बनाने में होता है। तने से बायोफ्यूल और फाइबर से कपड़े भी बनाए जा सकते हैं।

पलायन से जूझ रहे पहाड़ में भांग रोजगार का जरिया बनेगा। भांग की खेती के जरिए दम तोड़ती कृषि को जीवनदान देने की योजना पर काम चल रहा है। कई जिलों में भांग की खेती भी शुरू हो गई है। इन जिलों में सीमांत जिला बागेश्वर भी शामिल है। यहां हिमालयन मॉक कंपनी को भांग की खेती का लाइसेंस मिला है। लाइसेंस हासिल करने वाली कंपनी हैंप कल्टीवेशन पायलट प्रोजेक्ट के तहत फ्रांस...
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