उत्तराखंड: बचपन में बैडमिंटन के लिए सब कुछ छोड़ दिया, पढ़िए Golden Boy लक्ष्य की कहानी
एक बार जो Lakshya Sen ने रैकेट पकड़ा, इसके बाद वे बचपन के खेलकूद सब भूल गए। उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए माता-पिता ने दिन-रात एक कर दिया था।
राष्ट्रमंडल खेल में युवा शटलर लक्ष्य सेन ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। उनकी इस कामयाबी का जश्न देशभर में मनाया जा रहा है। Story of Lakshya Sen who won gold medal उत्तराखंड के लिए भी ये गर्व से भर देने वाला क्षण हैं, क्योंकि लक्ष्य सेन उत्तराखंड के अल्मोड़ा से संबंध रखते हैं, बचीनगर कमलुवागांजा में उनका ननिहाल है। लक्ष्य की सफलता की कहानी काफी रोचक है। लक्ष्य के दादा सीएल सेन बैडमिंटन के एक बेहतरीन खिलाड़ी थे। उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताएं जीतीं थीं। ल...
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