उत्तराखंड: रातभर जगे रहने को मजबूर हुए आपदाग्रस्त गांवों के 683 परिवार, कौन लेगा सुध?

मानसून आता है तो आपदाग्रस्त गांवों में रहने वाले लोगों की नींद उड़ जाती है। बिजली कड़कते ही दिल डर से बैठने लगता है।

बारिश की रिमझिम फुहारें भले ही कवियों-लेखकों का पसंदीदा विषय रही हों, लेकिन उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के लिए ये किसी आफत से कम नहीं। Bageshwar People affected in disaster affected villages मानसून आता है तो आपदाग्रस्त गांवों में रहने वाले लोगों की नींद उड़ जाती है। लोग बच्चों और अपनी जान की सुरक्षा के लिए रात-रातभर सो नहीं पाते। बिजली चमकती है तो दिल डर से बैठने लगता है। बागेश्वर के 25 गांवों के लोग इन दिनों ऐसे ही अनुभव से गुजर रहे हैं। ये सभी गांव आपदाग्रस्त गांव है, जहां 683 प...
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