Uttarakhand: जंगल घास लेने गई महिला पैर फिसलने से हुई बुरी तरह घायल, समय से 108 मिलती तो बच जाती जान
उत्तराखंड सरकार जहां एक और पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े वादे करती है, तो वहीं दूसरी ओर आए दिन कई पहाड़ी लोगों को स्वास्थ्य सुविधा न मिलने के कारण उनकी जान चली जाती है। सरकार के किए वादे केवल वादे ही रह जाते हैं।
उत्तराखंड के पहाड़ी महिलाओं का पूरा जीवन काफी संघर्षपूर्ण होता है। जगलों में महिलाओं के साथ आए दिन हादसे होते रहते हैं। जिनमें कई महिलाओं की जान चली जाती है। क्यूंकि कई पहाड़ी क्षेत्रों घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के लिए भी कई किमी की दूरी तय करनी पड़ती है, तो कहीं हॉस्पिटल पहुँचने पर भी घायल व्यक्ति को इलाज के लिए घंटों इंतजार करवाया जाता है।Unavailability of 108 takes another life in the hills of Uttarakhand6 अक्टूबर को नैनीताल जनपद के बेतालघाट तहसील के रोपा गांव की 51 वर्षीय प...
...Click Here to Read Full Article