देवभूमि में बसा लीलाढूंगी, भगवान बदरी नारायण की जन्मस्थली..जानिए ये अद्भुत कहानी
नवेन्दु रतूड़ी एक बार फिर से एक दिलचस्प कहानी लेकर आए हैं। कहानी देवभूमि के लीलाढूंगी की है...जरूर पढ़िए
बदरीनाथ के समीप ही यह स्थान लीलाढूंगी के नाम से जाना जाता है। एक तरफ नर पर्वत विराजमान है तो दूसरी तरफ नारायण, जिसमे स्वयं नारायण भगवान विराजमान हैं। इस स्थान पर अगर आप थोड़ी देर खड़े होकर चारों और निहारोगे तो प्रतीत होता है कि क्यों इसे बैकुंठ कहा गया है। ऊँचे हिमशिखर और उनमें से निकलते असंख्य झरने...यहाँ बथों (हवा) इतनी तेज है कि असंख्य झरने उस उंचाई से धरती पर गिरने से पहले ही उड़ जाते हैं। वह स्वर्ग जिसकी आपने परिकल्पना भी नही की होगी...अलकनन्दा नदी के तट पर बसे लीलाढूंगी का इतिहास बहुत पुराना ...
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