देवभूमि के दाफिला गांव का बेटा..शहर छोड़ा, गांव में शुरू किया अपना काम..सैकड़ों लोगों को रोजगार

जो लोग नौकरी के लिए शहरों की तरफ ताकते हैं, उन्हें पिथौरागढ़ के चंचल मेहरा से सीख लेनी चाहिए

पहाड़ में संसाधनों की कमी नहीं है, जरूरत है तो सिर्फ इच्छाशक्ति की। जो लोग नौकरी के लिए शहरों की तरफ ताकते हैं, उन्हें पिथौरागढ़ के चंचल मेहरा से सीख लेनी चाहिए। 42 साल के चंचल मेहरा गुड़गांव में एमडीएच कंपनी में जॉब करते थे। वहीं उन्हें आइडिया आया कि क्यों ना पहाड़ में मसालों का उद्योग किया जाए। इरादा मजबूत था, चंचल गांव लौट आए और खुद का मसाला बिजनेस स्थापित किया। अपनी इच्छाशक्ति के दम पर चंचल मेहरा ने ना सिर्फ अपनी बल्कि गांव के सैकड़ों किसानों की तकदीर बदल दी है। उनके उद्योग में 26 किस्म के म...
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