गढ़वाल की ज्योति को सलाम, लाचार-बेसहारा बुजुर्गों का सहारा बनी ये बिटिया
समाजसेवी ज्योति रौतेला लाचार-बेसहारा बुजुर्गों की ‘लाठी’ बन उनकी जिंदगी को सहारा दे रही हैं। बुजुर्गों की सेवा के लिए उन्होंने अपने गांव में एक वृद्धाआश्रम स्थापित किया है, जानिए इनकी कहानी।
मुसीबत के वक्त में दूसरों के काम आना ही इंसानियत है। कोरोना संकट के इस दौर में जब ज्यादातर लोग सिर्फ खुद तक सिमटे हुए हैं, उस वक्त भी उत्तराखंड में ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने संकट के समय को सेवा के जरिए में तब्दील कर इंसानियत की मिसाल पेश की। सेवाभाव की ऐसी ही एक कहानी पौड़ी गढ़वाल के लैंसडौन से आई है, जहां समाजसेवी ज्योति रौतेला लाचार-बेसहारा बुजुर्गों की लाठी बन उनकी जिंदगी को सहारा दे रही हैं। ज्योति रौतेला ...
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