गढ़वाल: मां-पिता के लिए पक्का घर बनवाना चाहते थे मनदीप, सपना पूरा होने से पहले हुए शहीद
राइफलमैन मनदीप अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनके बूढ़े माता-पिता अब भी इस सच को स्वीकार नहीं कर पा रहे। नियति के क्रूर पंजे ने उनकी बुढ़ापे की लाठी तोड़ दी। भगवान ऐसा दुख किसी मां-बाप को न दे।
देश के जांबाज सपूत मनदीप सिंह नेगी की अब सिर्फ यादें ही शेष रह गई हैं। छोटी सी जिंदगी में मनदीप देश की सेवा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दे गए। मनदीप अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनके बूढ़े माता-पिता अब भी इस सच को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। नियति के क्रूर पंजे ने उनकी बुढ़ापे की लाठी तोड़ दी। जिस बेटे को उन्होंने अपने हाथों से पाल-पोसकर सरहद की रक्षा के लिए भेजा था, सोचिए जब उसकी निर्जीव देह सामने रही होगी तो मां पर क्या गुजरी होगी। पिता का दिल कितना तड़पा होगा। मनदीप सिंह नेगी ...Click Here to Read Full Article