उत्तराखंड में सख्त से सख्त भू-कानून की मांग, आर या पार की लड़ाई के मूड में युवा
कानून की खामी के चलते हमारी कृषि भूमि पर बाहरी लोगों का कब्जा होने लगा है। दूसरे राज्यों के बिल्डर पहाड़ की कृषि भूमि को औने-पौने दाम में खरीद कर यहां रिजॉर्ट-होटल बना रहे हैं।
कहते हैं पहाड़ का पानी और जवानी, कभी पहाड़ के काम नहीं आते, और अब तो हमारी जमीनें भी हमारे काम नहीं आ रही हैं। दूसरे राज्यों के बिल्डर पहाड़ की कृषि भूमि को औने-पौने दाम में खरीद कर यहां रिजॉर्ट-होटल बना रहे हैं। कई जगह तो जमीनें ले-लेकर छोड़ दी गई हैं। इन जमीनों पर अब खेती भी नहीं हो रही, खेत बंजर हो रहे हैं। जो खेत-जंगल कभी अपने हुआ करते थे, वहां अब हम मेहमानों की तरह जाते हैं। समस्या बेहद गंभीर है, लेकिन अब पहाड़ के युवा इस मामले की गंभीरता को समझने लगे हैं। औने-पौने दाम पर बिक रही कृषि भूमि ...
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