कुमाऊं रेजीमेंट के जांबाज ने ओलंपिक में जीता दुनिया का दिल, 8 टांके लगे लेकिन रिंग नहीं छोड़ा
आज की हमारी इस कहानी के हीरो हैं कुमाऊं रेजिमेंट के सूबेदार मेजर सतीश कुमार। पढ़िए ओलंपिक के इस हीरो की कहानी
कहते हैं खेल से पहले खेल भावना का दिल में होना बेहद जरूरी है। बिना खेल भावना के कैसा खेल? आज की हमारी इस कहानी के हीरो हैं 11 कुमाऊं रेजिमेंट के सूबेदार मेजर सतीश कुमार। आप भले ही यह जानते हो या ना जानते हो लेकिन हम आपको यह बताना चाहते हैं कि सूबेदार मेजर सतीश कुमार भारत के 91 किलोग्राम वर्ग के सुपर हैवीवेट मुक्केबाज हैं। हाल ही में टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने दुनिया के सामने यह जरूर दिखाया कि एक फौजी कभी भी हार नहीं मानता। टोक्यो ओलंपिक के प्री क्वार्टर फाइनल में सूबेदार मेजर सतीश कुमार को चोट ल...
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