उत्तराखंड के ‘गिर्दा’ की वो बेमिसाल कविता, जो जोशीमठ के हालातों पर फिट बैठती है..देखिए वीडियो
महान कवि गिरीश चन्द्र तिवारी की ये कविता बता रही है कि संभल जाइए…अभी भी वक्त है..देखिए वीडियो
जोशीमठ…पल पल दरकता, टूटता…शायद आखिरी सांसे गिनता जोशीमठ। वो लोग जिन्होंने यहां घर बनाए थे, वहां खतरे के लाल निशान गवाही दे रहे हैं कि आखिरी वक्त आ गया है। Joshimath sinking latest updateघर को अलविदा कहने का समय आ गया है। जोशीमठ का ये हाल कैसे हुआ? वैज्ञानिकों ने कई बार चेतावनी दी, संतों साधुओं ने भी चेताया, यहां तक कि जनकवियों ने भी अपनी कविता के माध्यम से आने वाले विभीषिका का संकेत पहले ही दे दिया था। आज उत्तराखंड के उस महान गीतकार की कविता सुन लीजिए, जिसने अपने शब्दों के माध्यम...
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