उत्तराखंड: जानलेवा हमले के दोषी को 39 साल बाद मिली सजा..67 की उम्र में 7 साल की जेल
जिस वक्त सुरेश ने क्राइम किया उस वक्त उसकी उम्र 28 साल थी...उसे लगा था कि पहचान बदल कर वो कानून के शिकंजे से बच जाएगा...जानिए पूरी कहानी
कहते हैं कि अपराधी चाहे कितना ही शातिर क्यों ना हो एक ना एक दिन कानून के शिकंजे में फंसता जरूर है...दुनिया में परफेक्ट क्राइम जैसी कोई चीज नहीं होती...जानलेवा हमले के आरोपी देहरादून के रहने वाले सुरेश को भी ऐसा ही लगा था कि वो पहचान बदल लेगा तो कानून के शिकंजे से बच जाएगा। उनसे सोचा था पुलिस उस तक कभी नहीं पहुंच पाएगी...नाम और पहचान बदल कर वो हिमाचल में ही रहने लगा था, झूठ बोलकर वहीं की एक भोली-भाली महिला से शादी भी कर ली, लेकिन देर से ही सही सुरेश अब कानून के शिकंजे में है। अपर जिला एवं सत्र न्...
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