सरकार के भरोसे राम या राम भरोसे सरकार! पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार इन्द्रेश मैखुरी का ब्लॉग
सरकार भी इसी बात पर ज़ोर दे कि आपके लिए वह मन्नत स्थल का बंदोबस्त कर रही है तो फिर इसके क्या मायने हैं ? वरिष्ठ पत्रकार इन्द्रेश मैखुरी का ब्लॉग पढ़िए
जो सामान्य धार्मिक मनुष्य होता है,वह ईश्वर से क्या चाहता है ? वह चाहता है,उसके जीवन में सुख-शांति हो,बेटे की नौकरी लगे,बेटी का अच्छे घर में ब्याह हो जाये।(जी,हाँ ! बेटे-बेटी के लिए कामनाओं का बंटवारा ऐसा ही है।)लोग सरकार चुनते हैं और सरकार से क्या चाहते हैं,थोड़ा जोड़-घटाव के साथ कमोबेश ऐसा ही कुछ। यानि थोड़ा बहुत आगे-पीछे करते हुए आम आदमी की सरकार से भी ज़िंदगी में बहुत छोटी-छोटी चीजें चाहते हैं। अब सरकार भी मंदिर में जा बैठे तो सरकार का क्या करें ? तब मंदिर ही ले लें ! शिक्षा,स्वास्थ्य,रोजगार...
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